
*🌴 पुण्य भूमि पर आया है,,,,, रथ यात्रा का पर्व …ये है हमारा गर्व,,,,जय हो जगत के पालनहार की, निकल पड़ी है सवारी भगवान जग्गनाथ की
*
⛩️ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा ,,,, यह भव्य यात्रा पुरी के जगन्नाथजय मंदिर से शुरू होकर गुंडिचा मंदिर तक जा रही।।
⛩️ जगन्नाथ रथ यात्रा में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। 12 दिन चलने वाली रथ यात्रा को लेकर भक्त उत्साहित हैं,,,,, वहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को जगन्नाथ रथ यात्रा की शुभकामनाएं दीं।
⛩️ये यात्रा भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा को उनके रथों पर विराजित होने के साथ शुरू हुई।
⛩️पुरी के जगन्नाथ मंदिर में पहांडी अनुष्ठान शुरू हुआ। इसमें भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ को रथ यात्रा के लिए 12वीं सदी के मंदिर से उनके संबंधित रथों तक जुलूस के रूप में ले जाया गया। घंटियां, शंख और झांझ बजाते हुए चक्रराज सुदर्शन को सबसे पहले मुख्य मंदिर से बाहर लाया गया और देवी सुभद्रा के ‘दर्पदलन’ रथ पर बैठाया गया।।
⛩️ पंडित सूर्यनारायण रथशर्मा ने बताया कि सुदर्शन भगवान विष्णु का चक्र अस्त्र है, जिनकी पूजा पुरी में भगवान जगन्नाथ के रूप में की जाती है। सुदर्शन के पीछे भगवान जगन्नाथ के बड़े भाई भगवान बलभद्र थे। भगवान बलभद्र अपने तालध्वज रथ पर विराजमान हैं। जब भगवान जगन्नाथ मंदिर से बाहर आए, तो ग्रैंड रोड पर भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा, भक्तों ने भी दोनों हाथ उठाकर ‘जय जगन्नाथ’ का जयकारा लगाया।